Menu
blogid : 1052 postid : 401

आरक्षण क्यूँ न हो !

kaushal vichar
kaushal vichar
  • 96 Posts
  • 225 Comments

 

qq

 

आरक्षण क्यूँ न हो ! अमिताभ बच्चन जी का लेख पढ़कर बड़ी निराशा हुई की जनाब कास्ट सिस्टम को नही जानते. बड़ा आश्चर्य होता है ,अपने आप को बाबु जी और साहित्य का प्रेमी और इतिहास के बारे में बड़ा जिज्ञासु कहने वाले लोग ऐसे कैसे किसी किरदार को निभाने के लिए तैयार हो जाते हैं, जिसके बारे में तजुर्बा ही न हो. मध्यकालीन इतिहास की किसी भी पुस्तक में या और कहे तो उत्तर-वैदिक काल के किसी भी पुस्तक में कास्ट सिस्टम का अच्छा खासा उदाहरण मिल जायेगा की कैसे निम्न जाति के लोग नगर में प्रवेश करते समय किसी पात्र को सिर पर बजाते हुए आते थे की तथाकथित सभ्य और उत्त्तम कोटि का समझने वाले लोग उनकी छाया मात्र से अपवित्र न हो जाये. मुद्दा,मनुवादी सोच या उस समय के क्रूर वर्ताव को उघाड़ना नही है. समय अलग है गली-गली में चाय पानी,खोमचे,ढाबे और तरह तरह की दुकाने सज गई है.और आज शेर और बकरी (समझे जाने वाले) एक ही घाट का पानी पी रहे हैं.यह सब संभव हुआ तो केवल अपने संबिधान के कारण और जाग्रत भाव के कारण. एक मुद्दे की बात है की इस देश में आरक्षण का विरोध क्यू होता है. शायद आपको यह जानकर आश्चर्य हो की इस देश में ८०% से भी ज्यादा लोग अन्य पिछड़ा,अनुसूचित जाति,जन जाति आदि का प्रतिनिधित्व करते है, ८ से १० प्रतिशत लोग अल्पसंख्यक वर्ग में आते है और २% लोग अन्य श्रेणियों के है. तो क्या आप मुझे एक सवाल समझा सकते हैं,

माना की किसी नौकरी में १०० लोगो को भर्ती होना है,

 तो आरक्षण का दायरा होगा : ५० सीटें, सामान्य वर्ग के लिए,

२७ सीटें, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए,

१५ सीटें, अनुसूचित जाति और जन जाति के लिए,

अन्य दूसरे वर्गों के लिए,

लेकिन जनसँख्या के प्रतिनिधित्व के आधार पर देखा जाये तो :

 १० सीटें, सामान्य वर्ग के लिए,

५० सीटें, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए,

 ३० सीटें, अनुसूचित जाति और जन जाति के लिए,

अन्य दूसरे वर्गों के लिए,

 तो आज तक सीटों के सही बटवारें में अन्याय क्यूँ हो रहा है, सच्चे दिल से सच्चाई को महसूस करें,

और irrational reservation सिस्टम के खिलाफ आवाज उठायें, आरक्षण का सपोर्ट करें!

“जिसकी जितनी हिस्सेदारी,उतनी उसकी भागीदारी” जय हिंद!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh