kaushal vichar
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“प्रभु अंशुमाली की अरुणिमा, नव-रौशनी से है तैयार.
रिद्धि-सिद्धि,सुख,समृद्धि,सब स्वागतबद्ध अपार.
आधी पलकों में खुशियाँ,आधी पलके गीली हैं.
आगत-प्रगत वर्षों की, तिथियाँ भी रंगीली हैं.
अभिलाषा,मंजिल,जीवन की नई-इबारत हो शान.
नई उमंगो,नव-जज्बों,से जीवन में भरे उड़ान.
कंटक-पथ के फूल बने,पूरे हो,हर सपने ,हँसते-हँसते.
गुडमार्निंग,सत-श्री अकाल,नई सुबह पे सलाम-नमस्ते.”
“नव वर्ष पे जय हो!
सदा मंगलमय हो!”
आपका
विजय कुमार कौशलभारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण
गोरखपुर एयरपोर्ट.
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