Menu
blogid : 1052 postid : 214

बेबस भारत माँ का हाल!

kaushal vichar
kaushal vichar
  • 96 Posts
  • 225 Comments

fff

राजा शिबि ने पक्षी खातिर,
अपने शरीर का मांस दिया.
राम ने शबरी के जूठे,
बेरों को सम्मान दिया.
जहाँ दधीचि ,अपने शरीर ,
को देवों-हित कर देते दान.
जहाँ धर्म हित,कृष्णा,
घोड़े खीचे,सीना तान.
जहाँ सबेरे शंख बजे,
और मस्जिद में बजे अजान.
गुरूद्वारे में गुरु-वाणी,
सारी नसले एक सामान.
इरानी,अफगान, मुग़ल,
अंग्रेजो ने जिसको लूटा.
फिर भी भारत माँ की,
हिम्मत- न टूटा.
लक्ष्मीबाई ,हजरत महल.
या चाँदबीबी मर्दानी.
झलकारी,ऊदाबाई ,
या कोटि,जौहरी क़ुरबानी.
आजादी के तरानों को,
दिल धड़कन बनाके,
मिटा दी अपनी हस्ती,
हँसते-हँसते जहाँ पे.
आज उनकी क़ुरबानी,
किताबों में है, दफनाई,
किसी अंधेर चौराहों पर,
उनकी मूर्तियाँ चुनवाई.
हाय! यहाँ अब ०२ अक्टूबर,
ड्राई-डे कहलाता है.
कान्वेंट की किताबों में,
आतंकवादी छापा जाता है.
बिस्मिल,भगत,आजाद,बोस,
की क़ुरबानी में कड़वाहट है.
गाँधी,नेहरु की तस्बीरें,
दफ्तरों की सजावट है.
अंग्रेजों से आजादी हित,
कोटि हुए हँसते कुर्बान.
मगर आज अंग्रेजी ने,
बना दिया सबको बेईमान.
लूट,खसोट,अपराध,
भ्रष्टाचार बने मिसाल.
भूख,बीमारी और गरीबी.
बेबस भारत माँ का हाल.
आज का यौवन ,हिपहाप,
डिस्को,डिसकी में जाता है.
गेम-शेम,माल-वाल ,
मोबाइल में खो जाता है.
तांत्याटोपे,वीर शिवाजी,
सिक्खों के गुरुओं की आन.
भारत की महान विभूतियाँ,
इनको कौन रहा पहचान.
हाय! शर्म आती है मुझको,
कहने में “मेरा भारत महान”.
भारत माँ को भी न बख्से,
क्रूर,भेड़िये,तुम संतान.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh