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जय माता दी. नवरात्रे के हार्दिक शुभकामनाये!
मेरे पास एक एस एम एस आया.
माँ तब भी रोती थी,
जब बेटा खाना नहीं खाता था.
और माँ अब भी रोती है,
जब बेटा खाने को नहीं देता.
एक पल ,बस एक पल के लिए आँख बंद कर दिल पर हाथ रखो और इस सन्देश को
ठीक वैसे ही पढो जैसे आजकल आप सब लोग ,दुर्गा चालीसा,स्तोर्त्र आदि पढ़ रहे हो.घंटो पूजा करते हो,मंदिरों में धक्के खाते हो और पता नहीं कितने पोंगे-पंडितो की चरण-धूल के लिए अपनी नाक रगरते हो. और आपके घर में –
जीवंत शक्तियां विधमान हैं.
महाकाली,
महालक्ष्मी,
महासरश्वतीकौन है ,सोचो
आपकी माँ है,
आपकी बहन है,
आपकी पत्नी है.
लेकिन क्या यह सच नहीं है के आप में से कितने लोग बचे है, जिनकी वही श्रद्धा और भक्ति से इन तीनो जीवंत शक्तियों के साथ भी है. जो आप घंटो मंदिरों में दर्शाते हैं या कहूँ आडम्बर करते है. मै मंदिरों आदि के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता बस मेरा अपना मानना है की अगर वास्तव में माँ शिवा का ,माँ दुर्गा का आशीर्वाद आप लेना चाहते है तो पहले आप सभी को अपने घर में इन तीनो जीवंत शक्तियों के साथ अपना आचरण,विचार,वर्ताव सुधारना होगा.पत्नी कभी नहीं कहती की माँ से अलग रहो,आपका सही समय पर चुप रहना ही अलग रहने की प्रवित्ती को बढाता है.
इसलिए हो सके तो इस नवरात्रे में कुछ प्रण करो मेरे साथ.
हे माँ ! हे माँ ! मेरी हो माँ,
अम्बे माँ ,जगदम्बे माँ.
एक तू ऊपर पहारो में.
दूजी मेरी माँ ,
मेरी अपनी माँ.
हे प्रभु ,तेरी लीला अजब,
दो-दो माँ,
मेरी दो-दो माँ,
मुझको इतनी शक्ति देना,
रहे सदा साथ,
मेरी दोनों माँ.
हे माँ! हे माँ! मेरी हो माँ,
दो-दो माँ ,
मेरी दोनों माँ.
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